खुराफाती चीन कोरोना वायरस महामारी के दौर में भी ना तो खुद शांति से बैठा है और ना ही अपने पड़ोसियों को चैनियत से रहने दे रहा है। एक तरफ उसके सैनिकों ने भारत के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) हिंसक झड़प की तो दूसरी तरफ चीन के लड़ाकू विमान बार-बार ताइवान में घुस रहे हैं। हालांकि, ताइवान ने हर बार चीनी विमानों को खदेड़ दिया है।
गुरुवार को एक बार फिर चीनी एयर फोर्स के लड़ाकू विमान ताइवान के एयरस्पेस में घुस गए। पिछले 10 दिनों में यह पांचवीं बार है जब चीन ने इस फाइटर जेट ताइवान में घुसे हैं। इसको लेकर दोनों देशों में तनाव काफी बढ़ गया है।
ताइवान एयर फोर्स ने कहा है कि चीन के J-10 और J-11 लड़ाकू विमान ताइवान के दक्षिण पश्चिम भाग में एयरस्पेस में घुसे। नियमित पट्रोलिंग पर रहने वाले ताइवान के फाइटर्स ने चाइनीज विमानों को रेडियो पर चेतावनी दी इसके बाद वे ताइवान के एयर डिफेंस जोन से निकल गए। 9 जून से अब तक
पांच बार इस तरह चीन के लड़ाकू विमानों ने ताइवान में घुसने की कोशिश की है। हर बार उन्हें ताइवान के फाइटर जेट्स ने खदेड़ दिया है।
ताइवान का कहना है एक तरफ दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही है तो दूसरी तरफ चीन ने हाल के महीनों में उसके खिलाफ सैन्य गतिविधियों में इजाफा कर दिया है और डराने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि चीन इस लोकतांत्रिक आइलैंड पर अपना दावा करता रहा है।
चीन ने इस मुद्दे पर अभी कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। बीजिंग अक्सर कहता रहा है कि इस तरह के अभ्यास में कोई असामान्य बात नहीं है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता दिखाने के लिए किया जाता है। चीन ने ताइवान को अपने नियंत्रण में लेने के लिए बल प्रयोग की घोषणा नहीं की है। हालांकि, पिछले महीने चीन के एक सीनियर जरनल ने कहा था कि चीन तभी अटैक करेगा जब ताइवान को स्वतंत्र हो जाने से रोकने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा।
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